मैं और मेरा मोबाइल ,
बिन तेरे जी नहीं मैं पाता हूँ|
सवेरे आँख खुलने पर तुझे ही मैं ढूंढ़ता हूँ|
तू जो ना दिखे तो चैन नहीं मैं पाता हूँ,
तेरी एक आहट से जग मैं जाता हूँ,
बिना पढ़े तेरे मैसेज सो नही मैं पाता हूँ|
मैं और मेरा मोबाइल ,
बिन तेरे जी नहीं मैं पाता हूँ|
पूरी दुनिया तुझमे है समाई,
मैंने तुझे ही अपनी दुनिया है बनाई|
जहाँ भी मैं जाता हूँ,
तुझे साथ मैं ले जाता हूँ|
मैं और मेरा मोबाइल ,
बिन तेरे जी नहीं मैं पाता हूँ|
सारे रिश्ते-नाते एक तरफ़ हो जाते हैं,
जब साथ में तू मेरे होता है|
सामने कोई भी मेरे आए,
पहचान मैं उन्हें न पता हूँ|
मैं और मेरा मोबाइल ,
बिन तेरे जी नहीं मैं पाता हूँ|
पूरी दुनिया की सैर तू मुझे कराता है,
पल में अमरीका पल में जापान मैं जाता हूँ|
तेरी एक घंटी पर लौट फिर आता हूँ|
मैं और मेरा मोबाइल ,
बिन तेरे जी नहीं मैं पाता हूँ|
तू ज्ञान का अचूक भंडार हैं,
बिन तेरे जीना दुस्वार है|
जहाँ भी मैं जाता हूँ,
संग तुझे ही मैं पाता हूँ|
मैं और मेरा मोबाइल ,
बिन तेरे जी नहीं मैं पाता हूँ|
तेरे बिना जीवन की कल्पना बेकार है,
तुझमें ही सारे दोस्त और यार हैं|
तू मेरी धड़कन और जान बन जाता हैं|
मैं और मेरा मोबाइल ,
बिन तेरे जी नहीं मैं पाता हूँ|
–किरण यादव

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