आत्मनिर्भर बनने की कसम हमने खाई हैं,
गलवान में चीन को धूल हमनें चटाई है|
आज नमस्ते ने पूरी दुनिया में धूम मचाई है,
हिंदी को चरम पर पहुँचाने की तमन्ना दिल में आई है|
आत्मनिर्भर बनने की…………………………
दुनिया को हिंदी में आज वैज्ञानिकता नज़र आई है,
पर हमनें इसे राष्ट्रभाषा अभी तक नहीं बनाई हैं|
अंग्रेजी ने अनिवार्य विषय में अपनी जगह बनाई हैं,
आत्मनिर्भर बनने की…………………………
९० प्रतिशत अंक लाने वाले को हिंदी गिनती नहीं आ पाई है,
वन, टू, थ्री और a, b, c, d हमनें ही तो इन्हें रटाई हैं|
कसूर किसका इसमें है, दुनिया समझ नहीं ये पाई हैं,
आत्मनिर्भर बनने की…………………………
स्वदेशी अपनाओं के नारे ने उम्मीद की किरण जगाई है,
अब सभी ने ख्वाबों की एक नई दुनिया बसाई हैं|
हिंदी भी सबके दिलों में बस जाएगी, छोड़ दी तनहाई हैं,
आत्मनिर्भर बनने की कसम हमने खाई हैं,
हिंदी को चरम पर पहुँचाने की तमन्ना दिल में आई है|
किरण यादव
हिंदी भाषा के बढ़ते कदम

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