Hindi vrat katha
Hindi Vrat katha and aarti sangrah
Hindi Vrat katha and aarti sangrah
श्री पितर चालीसा ॥ दोहा ॥ हे पितरेश्वर आपको,दे दियो आशीर्वाद। चरणाशीश नवा दियो,रखदो सिर पर हाथ॥ सबसे पहले गणपत,पाछे घर …
श्री श्याम चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर,सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भणत हूँ,रच चैपाई छन्द॥ ॥ चौपाई ॥ श्य…
श्री प्रेतराज चालीसा ॥ दोहा ॥ गणपति की कर वंदना,गुरु चरनन चितलाय। प्रेतराज जी का लिखूं,चालीसा हरषाय॥ जय जय भूताधिप प्रब…
श्री महावीर चालीसा ॥ दोहा ॥ शीश नवा अरिहन्त को,सिद्धन करूँ प्रणाम। उपाध्याय आचार्य का,ले सुखकारी नाम॥ सर्व साधु और सरस्…
श्री गोरखनाथ चालीसा ॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को,सुमिरूँ बारम्बार। हाथ जोड़ बिनती करूँ,शारद नाम आधार॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय …
श्री रविदास चालीसा ॥ दोहा ॥ बंदौं वीणा पाणि को,देहु आय मोहिं ज्ञान। पाय बुद्धि रविदास को,करौं चरित्र बखान॥ मातु की महिम…
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